
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में छांगुर बाबा और उसके धर्मांतरण सिंडिकेट पर कार्रवाई अब तेज हो गई है। यूपी एटीएस पहले ही चांगुर के करीबी गुर्गों नीतू और नवीन को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसके बाद खुद छांगुर बाबा भी एटीएस के शिकंजे में आ गया। पूछताछ में उसके अवैध नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिसके बाद जिला प्रशासन ने उसकी अवैध इमारतों को ध्वस्त कर दिया।
अब जांच का दायरा उन सरकारी अधिकारियों तक पहुंच गया है जिन्होंने बीते पांच वर्षों में चांगुर की अवैध गतिविधियों को नजरअंदाज किया या जानबूझकर समर्थन दिया। प्रशासन ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार कर रहा है जो बलरामपुर के उन इलाकों में तैनात रहे जहां बाबा का सिंडिकेट सक्रिय था।
छांगुर बाबा और उसके साथी जलालूद्दीन पर ग्राम समाज और सरकारी जमीनों पर कब्जा करने, तालाब पाटकर प्लॉटिंग करने के गंभीर आरोप हैं। पीड़ितों का कहना है कि थानों में उनकी शिकायतें न सुनी गईं, बल्कि डराया-धमकाया गया और आवेदन तक फाड़ दिए गए। सरकारी दस्तावेजों में भी कब्जों और अतिक्रमण के प्रमाण मिले हैं। अब जल्द ही लापरवाह अफसरों पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है।