
देवेंद्र फडणवीस… एक ऐसा नाम जो महाराष्ट्र की राजनीति में दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प और विकास की पहचान बन चुका है।
आज देवेंद्र फडणवीस जन्मदिन के मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने उन्हें एक बेहद भावनात्मक पत्र लिखा है, जिसने हजारों कार्यकर्ताओं की भावना को भी शब्द दे दिए हैं।
बावनकुले ने बेहद ही भावनात्मक पत्र लिखा। जिसे सुनकर आप भी कह उठेंगे कि फडणवीस और बावनकुले के रिश्ते वाकई बेहद मधुर और अच्छे हैं।
तो आइए जानते हैं, चंद्रशेखर बावनकुले ने देवेंद्र फडणवीस को क्या लिखा इस भावुक और प्रेरणादायक पत्र में — जो ना केवल एक नेता से दूसरे नेता को लिखा गया है, बल्कि एक साथी, एक सच्चे मार्गदर्शक को समर्पित है।
आदरणीय श्री देवेंद्रजी,
सादर नमस्कार!
सबसे पहले आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं!
एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद, आपका यह जन्मदिन पूरे राज्य में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है।
राज्य के कोने-कोने में भाजपा कार्यकर्ता इस दिन को “सेवा संकल्प दिवस” के रूप में मना रहे हैं।
देवेंद्रजी, आप न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के, बल्कि सार्वजनिक जीवन में कार्यरत प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं।
“राष्ट्र पहले, फिर पार्टी और फिर स्वयं”, भाजपा का यह मूलमंत्र आप केवल मानते नहीं, बल्कि जीते हैं।
हर कदम पर आपके आचरण में यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
जब अन्य दलों के नेता भी आपकी निष्ठा के उदाहरण देते हैं, तब एक सच्चे साथी के रूप में हमें आप पर गर्व होता है।
इस अवसर पर कविवर्य कुसुमाग्रज की कुछ पंक्तियाँ मन को छू जाती हैं:
“अनंत है हमारी लक्ष्य-तृष्णा,
अनंत हैं हमारी आशाएं,
तुम ही हो किनारा, इस आम आदमी के लिए!”
आपकी ही वो गर्जना याद आती है:
“मेरा पानी उतरता देख,
मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना,
मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा!”
आपने यह साबित कर दिखाया कि कठिन मेहनत, अडिग संकल्प और महाराष्ट्र से प्रेम के साथ कुछ भी असंभव नहीं है।
मैंने स्वयं बहुत करीब से देखा है कि कितने भी अवरोध आएं, आप महाराष्ट्र के विकास का सपना संजोए हमेशा सकारात्मक सोच और प्रसन्नचित्त मन से कार्य करते हैं।
आप जैसे बहुआयामी, दक्ष और दूरदर्शी नेता पर जब विरोधी पक्ष संदेह करता है, तब भी आप संयम, विनम्रता और मुस्कुराहट के साथ सब कुछ सहते हैं।
आपने न केवल सभी आरोपों का सामना किया, बल्कि जनता के दिलों में अपनी जगह और भी मजबूत की – और बन गए सबके “देवाभाऊ”।
देवेंद्रजी, मैं स्वयं को बहुत सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मेरे जीवन में आपका जैसा नेतृत्व है।
आप मेरे लिए सच में “Friend, Philosopher, and Guide” हैं।
जीवन के हर सुख-दुख की घड़ी में आप मेरे साथ खड़े रहे।
आपने हमारे रिश्ते की गर्मजोशी और आत्मीयता को कभी कम नहीं होने दिया – इसके लिए मैं आपका दिल से आभारी हूँ।
मैं गर्व से कहता हूँ कि मैंने आपके नेतृत्व निर्माण की यात्रा को बहुत करीब से देखा है और आपसे बहुत कुछ सीखा है, सीख रहा हूँ।
प्रार्थना करता हूँ कि आपका यह मार्गदर्शन सदैव बना रहे।
माँ जगदंबा से मेरी प्रार्थना है कि आपको उत्तम स्वास्थ्य, लंबी उम्र और निरंतर लोककल्याण व राष्ट्रसेवा करने की शक्ति देती रहें।
आपको एक बार फिर दिल से जन्मदिन की शुभकामनाएँ!
आपका विनम्र,
चंद्रशेखर बावनकुले
यह सिर्फ एक पत्र नहीं… यह एक नेता की अपने मार्गदर्शक के लिए एक सच्ची भेंट है।
देवेंद्र फडणवीस जैसे नेता पर यह शब्द सटीक बैठते हैं — दूरदृष्टा, कर्मयोगी और जनता के दिलों के ‘देवाभाऊ’।