
जिस फिल्म पर देश की नजरें टिकी थीं, उसकी रिलीज़ पर अब ब्रेक लग गया है।
‘उदयपुर फाइल्स’ अब शुक्रवार को रिलीज़ नहीं होगी, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी है।
फिल्म की रिलीज को लेकर उठे विवाद और सामाजिक संवेदनशीलता के मुद्दे अब सीधे अदालत और सरकार के पाले में पहुंच चुके हैं।
11 जुलाई को रिलीज़ होनी थी ‘उदयपुर फाइल्स’, लेकिन अब फिल्म तय तारीख को सिनेमाघरों तक नहीं पहुंचेगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कहा, जब तक केंद्र सरकार कोई फैसला नहीं करती, तब तक फिल्म पर रिलीज़ पर रोक बनी रहेगी।
क्या है कोर्ट का आधार?
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता जमीयत उलेमा-ए-हिंद से कहा कि उन्हें सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत केंद्र सरकार को आवेदन देना चाहिए।
केंद्र सरकार को एक हफ्ते में इस पर फैसला लेने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अदालत की टिप्पणी:
“हमारी राय में फिल्म के कंटेंट को लेकर निर्णय लेने का अधिकार सरकार के पास है। कोर्ट इस चरण में हस्तक्षेप नहीं करेगा।”
अब सवाल ये उठता है —
क्या ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज़ पर लगी यह रोक सेंसरशिप की शुरुआत है या सामाजिक सौहार्द का सुरक्षा कवच?
क्या सरकार कला और संवेदनशीलता के बीच संतुलन बना पाएगी?