
कल्पना कीजिए, एक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर, शिक्षक नहीं, रिश्वतखोर बैठे हों। स्टेथोस्कोप की जगह पैसों की गड्डियां चल रही हों और फिर अचानक उसी कॉलेज पर सीबीआई की टीम धावा बोल दे। पूरे अस्पताल का माहौल थम जाए, डॉक्यूमेंट जब्त हो जाएं, और कॉलेज का हर कोना शक के घेरे में आ जाए। ये कोई फिल्म नहीं, हकीकत है मेरठ की।
देश की मेडिकल शिक्षा पर मंडरा रहा है एक और शर्मनाक घोटाला सामने आया है। सीबीआई ने मेरठ से उठाया एक ऐसा राज, जिसने पूरे सिस्टम को सवालों में डाल दिया है। भाजपा नेत्री और पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल का एनसीआर मेडिकल कॉलेज अब जांच के घेरे में है। सीबीआई की टीम ने मंगलवार को कॉलेज के साथ-साथ उनके आवास पर 9 घंटे की लंबी छापेमारी की। सीबीआई को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया पैनल के तीन डॉक्टरों के खिलाफ पक्की जानकारी मिली थी कि ये डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों से मान्यता दिलाने के नाम पर मोटी रिश्वत ले रहे थे। और जब सीबीआई की टीम ने ट्रैप बिछाया तो तीनों डॉक्टर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। टीम ने छापे के दौरान एनसीआर मेडिकल कॉलेज से ओपीडी रजिस्टर, छात्र पंजीकरण से जुड़े दस्तावेज और कई फाइलें जब्त की हैं। डॉ. सरोजिनी अग्रवाल मेरठ के सबसे प्रभावशाली परिवारों में गिनी जाती हैं। वे कभी विधान परिषद की सदस्य रही हैं और बीजेपी महिला मोर्चा की कद्दावर नेता मानी जाती रही हैं। सीबीआई की माने तो यह घोटाला सिर्फ एक कॉलेज तक सीमित नहीं है। देशभर के दर्जनों मेडिकल कॉलेज इस जांच के रडार पर हैं। दस्तावेजों से ये संकेत मिले हैं कि मेडिकल सीटों के बंटवारे और कॉलेज मान्यता के नाम पर मोटा खेल हुआ है।