
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर पत्नी कुछ कमाई भी कर रही है, तब भी पति को गुजारा भत्ता (Maintenance) देना होगा, यदि महिला की आय पर्याप्त नहीं है। अदालत ने कहा कि केवल यही देखना जरूरी है कि महिला अपनी आर्थिक जरूरतें खुद पूरी कर पा रही है या नहीं।
यह टिप्पणी हाईकोर्ट ने एक पति की याचिका खारिज करते हुए दी थी, जिसमें उसने यह तर्क दिया था कि उसकी पत्नी खुद कमा रही है, इसलिए उसे गुजारा भत्ता नहीं देना चाहिए।
कोर्ट ने साफ किया कि अगर पत्नी की आमदनी इतनी नहीं है कि वह अपनी बुनियादी जरूरतें, रहन-सहन और सम्मानजनक जीवन जी सके, तो पति को उसे गुजारा भत्ता देना ही होगा।
यह फैसला क्यों अहम है?
यह निर्णय उन मामलों में मिसाल बनेगा, जहां पति सिर्फ इस आधार पर गुजारा भत्ता से बचना चाहता है कि पत्नी नौकरी कर रही है, चाहे वह मामूली तनख्वाह ही क्यों न हो।