
ईरान-अमेरिका तनाव के बीच रविवार की रात अमेरिका ने एक ऐसा ऑपरेशन अंजाम दिया, जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया। ऑपरेशन ‘मिडनाइट हैमर’ — एक ऐसा नाम जो अब रणनीतिक युद्ध इतिहास में दर्ज हो गया है। सवाल ये है कि कैसे अमेरिका ने हाई-टेक हथियारों और गुप्त रणनीतियों से ईरान को गच्चा दे दिया, वो भी बिना किसी बड़े नुकसान के अपने पक्ष में नतीजे निकालते हुए?
ऑपरेशन मिडनाइट हैमर को अमेरिका ने शनिवार रात 11:45 बजे शुरू किया। इस ऑपरेशन में शामिल किए गए थे:
7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स,
14 GBU-57 MOP (Massive Ordnance Penetrator) बम,
125 फाइटर जेट्स,
और 30 से ज्यादा टोमाहॉक क्रूज मिसाइलें।
अमेरिका ने इस पूरे मिशन में स्टील्थ तकनीक, डिकॉय फ्लाइट्स और “कम्युनिकेशन ब्लाइंड” रणनीति अपनाई, जिससे ईरान को आखिरी वक्त तक हमले की भनक नहीं लग सकी।
मैक्सार टेक्नोलॉजी की सैटेलाइट इमेज में ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर 6 बड़े विस्फोटों के गड्ढे (क्रेटर) दिखे हैं, जो बताता है कि हमले बेहद सटीक और गहरे स्तर पर किए गए।
इस हमले की खास बात यह रही कि अमेरिका ने अपने विमानों को बिना सीधा रडार एक्सपोज़ किए, 11,000 किलोमीटर दूर से मिशन को लॉन्ग-रेंज एरियल टैंकर सपोर्ट से अंजाम दिया।
ईरान की ओर से दावा किया गया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम अब भी जारी है, और कोई बड़ी क्षति नहीं हुई। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के कुछ अति-संवेदनशील न्यूक्लियर प्रयोगशालाएं स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं।