हाईकोर्ट ने एक बेहद संवेदनशील मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। 4 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मिली फांसी की सजा को कम कर 25 साल का कठोर कारावास दिया गया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषी का बचपन गरीबी और शिक्षा की कमी में बीता, जो उसके अपराध का एक कारण हो सकता है।यह मामला प्रदेश में काफी चर्चा में रहा, जहां निचली अदालत ने रेपिस्ट को फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने सजा की समीक्षा करते हुए दोषी को 25 साल की सजा में बदल दिया।हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दोषी का बचपन बेहद कठिन परिस्थितियों में गुजरा। उसे न तो अच्छी शिक्षा मिली और न ही नैतिक दिशा, जिसके चलते वह अपराध की राह पर गया। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अपराध बेहद घृणित है और दोषी को कठोर दंड मिलना ही चाहिए, लेकिन सामाजिक और मानसिक परिस्थितियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।फैसले के बाद इस पर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे नरमी मान रहे हैं, वहीं कुछ का कहना है कि कोर्ट ने अपराधी के सुधार की संभावना को ध्यान में रखा है।